जानती हूं खो चुकी हूं तुम्हें मैं फिर भी बहुत चाहती हूं। जानती हूं खो चुकी हूं तुम्हें मैं फिर भी बहुत चाहती हूं।
हर पन्ना किताब का बयान करता है लम्हा जिंदगी का, हर पन्ना किताब का बयान करता है लम्हा जिंदगी का,
क्या ऐसा ही चलता जाएगा बताओ क्या कोई समाधान है। क्या ऐसा ही चलता जाएगा बताओ क्या कोई समाधान है।
उस चौराहे पर बैठे हुए, तुम आकर एकदम नज़दीक, उस पगडण्डी के परे, होकर खड़े, हाथ हिलाकर मुझे, जाने के लि... उस चौराहे पर बैठे हुए, तुम आकर एकदम नज़दीक, उस पगडण्डी के परे, होकर खड़े, हाथ हिल...
कभी हँसते हुए कभी रोते हुए मुसाफ़िर ही चलता रहता है। कभी हँसते हुए कभी रोते हुए मुसाफ़िर ही चलता रहता है।
हाथ छोड़ देते है कुछ पल के लिए मगर, कदमों को संभालने का पाठ सिखा जाते है... हाथ छोड़ देते है कुछ पल के लिए मगर, कदमों को संभालने का पाठ सिखा जाते है...